[Subsidy Yojana] यूपी बायोगैस प्लांट सब्सिडी योजना 2023: Bio Gas Plant Scheme

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दोस्तों, आज हम बताने जा रहे हैं “यूपी बायोगैस प्लांट सब्सिडी योजना” के बारे में। उत्तर प्रदेश सरकार फिर से गांवों में गोबर तथा कचरे से ऊर्जा पैदा करने की योजना पर विचार-विमर्श कर रही है। निर्मल भारत अभियान के तहत प्रदेश के 30 जिलों में ऊर्जा का उत्‍पादन किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर कंपोस्‍ट खाद तथा सोख्ता गड्ढों से बायोगैस प्‍लांट तैयार किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में पशुधन के अपशिष्ट का उपयोग उर्जा के रूप में करने के लिए सरकार द्वारा “गोबर गैस प्लांट सब्सिडी स्कीम” का संचालन किया जायेगा। प्रदेश में करीबन 4 लाख 80 हज़ार पशु है। जिनसे लगभग 1200 लाख टन अपशिष्ट पदार्थ का उत्पादन की उम्मीद है। इसका उपयोग ग्रामीणों द्वारा न किये जाने की वजह से मच्छर, कीट, आदि उत्पन्न होते रहते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता रहता है। इसकी विस्तृत जानकारी हेतु पूरा आर्टिकल पढ़िए।

UP Biogas Plant Subsidy Yojana 2023

पाँच सदस्यों वाले परिवार के दो समय के भोजन बनाने एवं 4-5 घंटे तक एक लैंप जलाने की व्यवस्था हेतु दो क्यूबिक मीटर बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए कम से कम 50 किलोग्राम/प्रतिदिन गोबर की आवश्यकता होती है। जिसमें गोबर जानवरों के गोबर के अतिरिक्त मल, मुर्गियों की बीट एवं फसलों के अवशेष (कचरे) आदि को भी प्रयोग किया जाता है। इन अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग ग्रामीणों द्वारा खाना बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके बावजूद भी गोबर का एक बड़ा भाग व्यर्थ होता है। पशुधन के अपशिष्ट का बायोगैस यंत्र के रूप में प्रयोग करने पर उर्जा के साथ हीं जैविक खाद्य का भी उत्पादन होता है।

यूपी बायोगैस प्लांट सब्सिडी योजना 2023

Implementation of UP Biogas Plant Subsidy Scheme – आदेश के अनुसार, योजना के कार्यान्वयन के लिए लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। इसमें केवल उन लाभार्थियों का चयन किया जाएगा, जो योगदान के रूप में कुल लागत का 40% स्वयं खर्च कर सकते हैं। शेष 60 प्रतिशत खर्च योजना के तहत प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा गोद लिए गए बेंती गांव में ऊर्जा के लिए गोबर गैस प्लांट (Gobar Gas Plant) लगाने की योजना शुरू कर दी गई है।

अब तक किसान गोबर को खुले में रखते हैं, जो सूखने पर खेतों में बिखर जाता है। इसके कारण किसानों के खेतों में कई तरह की बीमारियाँ फैल जाती हैं क्योंकि सूखे गोबर में कई तरह के कीड़े लग जाते हैं यह फसल और खेती के लिए हानिकारक हैं।

बायोगैस प्लांट सब्सिडी योजना के लिए पात्रता मानदंड-

Eligibility Criteria for Biogas Plant Subsidy Yojana – गौशाला या डेयरी संस्थान इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं।

  • राज्य के पोल्ट्री फार्म संचालक भी योजना के लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य होगा।
  • आवेदक के पास प्रतिदिन 5 से अधिक मवेशियों के अनुसार 18.25 टन गोबर की वार्षिक व्यवस्था होनी चाहिए या कम से कम 50किलोग्राम गोबर होना चाहिए।
  • 13 फीट के Dome के साथ 25 फीट अतिरिक्त जगह होनी चाहिए। ताकि बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के बाद, इससे निकलने वाले बायोगैस घोल को रखने की व्यवस्था की जा सके।

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उत्तर प्रदेश बायोगैस प्लांट सब्सिडी आवेदन प्रक्रिया-

Uttar Pradesh Biogas Plant Subsidy Scheme Application Process – इस योजना में आवेदन के लिए आपको UPNEDA (Uttar Pradesh New and Renewable Energy Development Agency) के कार्यालय से संपर्क करना होगा।

  1. योजना की स्थिति को पूरा करने पर, निरीक्षण UPNEDA विभाग के अधिकारी द्वारा किया जाता है।
  2. यहाँ पर आप बायोगैस/गोबर प्लांट सब्सिडी के लिए आवेदन फॉर्म भर सकते हो।
  3. इसके बाद, विभाग बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए मंजूरी देता है।
  4. बायोगैस प्लांट सब्सिडी योजना के तहत सब्सिडी की राशि आवेदक को मिलती है।

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UP बायोगैस प्लांट सब्सिडी योजना 2023 की राशि-

Cost/Amount of UP Biogas Plant Subsidy Yojna – इसमें ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Renewable Energy) द्वारा अनुमोदित मानचित्र के अनुसार बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा अनुदान राशि प्रदान की जाती है।

  • 2 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले बायोगैस प्लांट से एक जेनरेटर चलाने से 5 व्यक्तियों का परिवार भोजन और दीपक 5 घंटे जला सकता है। इसके अतिरिक्त, 6 टन जैविक भोजन सालाना प्राप्त किया जा सकता है।
  • 5 मवेशियों से लगभग 50 किलोग्राम / दिन गोबर का उपभोग करके 2घन मीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र स्थापित किया जा सकता है।
  • इस संयंत्र को स्थापित करने में 22 हजार रुपये का खर्च आता है। जिसमें से राज्य सरकार द्वारा सामान्य जाति के लाभार्थियों को 9 हजार रुपये और अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को 11 हजार रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
  • वहीं, 150 पशुओं से प्राप्त गोबर से 85 क्यूबिक मीटर क्षमता का बायोगैस संयंत्र स्थापित किया जा सकता है।
  • जिसके साथ 10 किलोवाट क्षमता का बायोगैस जनरेटर चलाया जा सकता है | इससे हर दिन 100 यूनिट बिजली के साथ 267टन जैविक भोजन प्राप्त होता है।
  • इसके लिए पहले चरण में 40,000 रुपये और दूसरे चरण में 30,000 रुपये की सब्सिडी राशि प्रदान की जाती है।

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